भरतपुर. भारत में कोविड-19 इंट्री के बाद साल 22 मार्च 2020 लॉकडाउन लगा. उस दौरान सभी लोग अपने घरों में बंद थे लेकिन आरक्षण को लेकर गुर्जर समुदाय आंदोलन कर रहा था. जब पूरे विश्व में कोरोना से मौतें हो रही थी, उसके बावजूद गुर्जर समुदाय ने अपनी 14 साल पुरानी मांग नहीं छोड़ी. बस उन्हें अति पिछड़ा वर्ग में मिले आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूचि में शामिल करना था.
साल 2020 में गुर्जर आरक्षण आंदोलन अक्टूबर के महीने में शुरू हुआ था. जगह थी भरतपुर जिले के ही बैंसला गांव में. उस समय गुर्जर आरक्षण आंदोलन के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला 80 साल के हो चुके थे और इसका कमान उनके बेटे विजय बैंसला संभाल रहे थे. हालांकि, इस आंदोलन में कोई हिंसा नहीं हुई.
तीन साल बीत गए. विजय बैंसला ने बीजेपी के टिकट पर देवली-उनियारा से विधानसभा चुनाव लड़ा और हार गए. इसके बाद उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 और विधानसभा उप चुनाव में भी टिकट नहीं मिला. बीजेपी ने देवली-उनियारा में राजेंद्र गुर्जर को टिकट दिया और उन्होंने विवादित नेता नरेश मीणा को हराकर चुनाव भी जीत लिया. अब 1 साल बाद पीलूपुरा में गुर्जर महापंचायत हुई. जिसमें गुर्जर महापंचायत ने अपनी पुरानी मांगों को पहले ही राज्य सरकार को सौंप दिया.
चूंकि गुर्जर आंदोलन को लेकर राजस्थान में सरकारें बनती और बिगड़ती हैं तो इस बार प्रशासन सजग रहा. राजस्थान सरकार के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने लगातार कहा कि सरकार वार्ता को तैयार है. जब विजय बैंसला ने सरकार का प्रस्ताव भी पढ़ा तो वो खुश ही थे. लेकिन रीट एग्जाम वाली मांग पर वो फंसे और दिल्ली-मुंबई रेल रूट जाम हो गया. आइये जानते हैं कि 8 जून 2025 को पीलूपुरा में क्या-क्या हुआ….
सुबह 10 बजे से शुरू हुई महापंचायत
भरतपुर जिले के बयाना उपखंड के गांव पीलूपुरा में गुर्जर समाज की महापंचायत आयोजित हुई सुबह 10:00 बजे से लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ. दोपहर 3:00 बजे आरक्षण संगठन समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला भी पहुंच गए. गुर्जर समाज के लोगों ने अलग-अलग तरीके से अपनी बात को रखा. आसपास के गांव की ओर से महापंचायत में आए लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्थाएं की गई.
भरतपुर जिले के बयाना उपखंड के गांव पीलूपुरा में गुर्जर समाज की महापंचायत आयोजित हुई सुबह 10:00 बजे से लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ. दोपहर 3:00 बजे आरक्षण संगठन समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला भी पहुंच गए. गुर्जर समाज के लोगों ने अलग-अलग तरीके से अपनी बात को रखा. आसपास के गांव की ओर से महापंचायत में आए लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्थाएं की गई.
आंदोलन से पहले बंटी पूरी-सब्जी और बूंदी
गुर्जर समाज के लोगों को नींबू की शिकंजी और शरबत बनाकर पिलाया गया. उसके साथ बूंदी पूरी और सब्जी भी बांटी गई. प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए करौली से आने वाले और भरतपुर से करौली जाने वाले रूट को डायवर्ट किया. करीब आरएसी की चार कंपनी तैनात की गई.
गुर्जर समाज के लोगों को नींबू की शिकंजी और शरबत बनाकर पिलाया गया. उसके साथ बूंदी पूरी और सब्जी भी बांटी गई. प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए करौली से आने वाले और भरतपुर से करौली जाने वाले रूट को डायवर्ट किया. करीब आरएसी की चार कंपनी तैनात की गई.